ORGANIC FORMING

ORGANIC FORMING

अगर आप युवा किसान है, तो आप अपनी लाइन से हटकर खेती में परिवर्तन की शुरुवात जैविक खेती (Organic Farming) के द्वारा कर सकते है| जैविक खेती (Organic Farming) में किसानों को कम लागत में उत्तम गुणवत्ता की फसल प्राप्त होती है| हमारे भारत की खेती ज्यादातर मानसून पर आधारित है, अगर मानसून अच्छी हुई तो फसल भी अच्छी होती है| जैविक खेती (Organic Farming) उन दोनों परिस्थितियों सिंचित और असिंचित क्षेत्र के लिए फायदे का सौदा है| इसलिए युवा किसान इस पद्धति में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहें है| आइए जानने की कोशिश करते है की जैविक खेती (Organic Farming) क्या है, इसके फायदे क्या है और जैविक खेती कैसे करते है| PRD आपको जैविक खेती करने के लिये सभी प्रकार के जैविक खाद उपलब्ध करायेगी और तैयार फसल को बाजार मे अच्छी कीमत भी दिलवायेगी जैविक खेती क्या है (What is Organic Farming) यह एक प्राचीन कृषि पद्धति है, जो भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है, पर्यावरण की शुद्धता को बनाए रखती है, मिट्टी की जल धारण क्षमता को बढ़ाती है, इसमें रसायनों का प्रयोग कम होता है और कम लागत में गुणवत्तापूर्ण पैदावार होती है| जैविक खेती (Organic Farming) में रासायनिक उर्वरको, रासायनिक कीटनाशकों तथा खरपतवारनाशकों की बजाय गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, हरी खाद, वैक्टीरिया कल्चर, जैविक खाद और जैविक कीटनाशकों इत्यादि से खेती की जाती है| अन्तराष्ट्रीय वैज्ञानिकों का कहना है की मिट्टी में असंख्य जीव रहते है, जो एक दुसरे के पूरक तो होते ही है साथ ही पौधों के विकास के लिए पोषक तत्व भी उपलब्ध करवाते है| जैविक खेती (Organic Farming) का मूल उदेश्य तेजी से बढ़ती जनसंख्या को मद्देनजर रखते हुए मृदा संरक्षण की प्रक्रियाएं अपनाते हुए जैविक तरीकों से किट व रोग पर नियन्त्रण रखते हुए फसलों का उत्पादन को बढ़ाना है| ताकि लोगों को स्वस्थ कृषि उत्पाद उपलब्ध हो सकें और साथ ही कृषि प्रक्रियाओं में पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की कम से कम क्षति हो| क्यों आवश्यक है जैविक खेती (Why is Organic Farming Necessary) 1. पिछले कई वर्षो से हम देखते आ रहे है की रसायनों और कीटनाशकों से खेती में लगातार नुकसान हो रहा है, लागत बढ़ रही है, भूमि अपना प्राकृतिक स्वरूप खोती जा रही है और पर्यावरण प्रदुषण और मनुष्य के स्वास्थ्य में किस हद तक गिरावट आई है आप देख सकते है| किसान अनुभव कर सकता है की वो अपनी पैदावार का बहुत सा हिस्सा उर्वरक और कीटनाशकों में लगा देता है यदि किसान को चाहिए की वो खेती में अधिक मुनाफा ले तो किसान को जैविक खेती की तरफ जाना ही होगा| 2. खेती के दायरे में वे खाने पीने की चीजे आती है इन खाद्य पदार्थो में जिंक और आयरन जैसे खनिज तत्व बड़ी मात्रा में मौजूद होते है ये सेहत के लिए काफी उपयोगी होते है| रासायनिक खाद और कीटनाशकों के धड़ल्ले से इस्तेमाल न केवल जमीन के लिए हानिकारक है, बल्कि इनसे तैयार कृषि उत्पाद इंसानों और पशुओं की सेहत पर भी बुरा असर डालते है| जैविक खेती के फायदे (Benefit of Organic Farming) 1. इस से ना केवल भूमि की उर्वरक शक्ति बनी रहती है बल्कि उसमें वृद्धि भी होती है| 2. इस पद्धति से पर्यावरण प्रदूषण रहित होता है| 3. इसमें कम पानी की आवश्यकता होती है जैव खेती पानी का संरक्ष्ण करती है| 4. इस खेती से भूमि की गुणवत्ता बनी रहती है या सुधार होता रहता है| 5. यह किसान के पशुधन के लिए भी बहुत महत्व रखती है और अन्य जीवों के लिए भी| 6. फसल अवशेषों को नष्ट करने की आवश्यकता नही होती है| 7. उत्तम गुणवत्ता की पैदावार का होना| 8. आप देखेगें की जविक खेती (Organic Farming) की वजह से स्वास्थ्य में सुधार होगा| 9. कृषि में सहायक जीव न केवल सुरक्षित होंगे बल्कि उनमें बढ़ोतरी भी होगी| 10. इसमें कम लागत आती है और मुनाफा ज्यादा होता है| भारत में जैविक खेती (Organic Farming in India) 1. एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में साढ़े तीन करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि पर करीब 14 लाख उत्पादक जैविक खेती कर रहें है| कृषि भूमि का करीब दो तिहाई हिस्सा घास वाली भूमि है| फसल का क्षेत्र करीब 82 लाख हेक्टेयर है जो कुल जैविक कृषि भूमि का एक चौथाई है| 2. भारत में 2003-04 से इसको लेकर गम्भीरता दिखाई गई और 42,000 हेक्टेयर क्षेत्र से जैविक खेती की शुरुवात हुई| मार्च 2010 तक यह बढ़ कर करीब 11 लाख हेक्टेयर हो गया| अब तक इसमें बहुत इजाफा हुआ है| भारत आज जैविक खेती से बने उत्पादों का निर्यात कर रहा है| किसान मांग के अनुसार बदले (Farmer Change According to Demand) 1. विश्व या भारतीय बाजार में बढती जैव खेती के उत्पादों की मांग से प्रतीत होता है की जैविक खेती के रूप में किसानो का भविष्य उज्ज्वल है| लेकिन इसके लिए किसानों को लिक से हटकर काम करना होगा जैविक खेती (Organic Farming) के शुरुआत में उत्पादन में कुछ गिरावट और खेती में उत्पादन को पटरी पर आने में कुछ समय लग सकता है| किसानों को इसके लिए अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करना होगा| जैविक खेती के लिए किसान को चाहिए की वो फसल को अदल बदल कर उगाएं| 2. किसान चाहे तो शुरुआत में अपने परिवार के लिए जैविक फसल उगा सकते है| बाद में वे इसे बड़ा आकार या व्यावसायिक रूप दे सकते है| इसके जरीय शुरु में गेहू, धान और चना की खेती की जा सकती है| इसकी सबसे बड़ी शर्त होती है की आप रासायनिक दवा या खाद का बिलकुल भी प्रयोग नही कर सकते इनकी जगह आप जैविक खाद या दवा का उपयोग कर सकते है| तो उपरोक्त बातों से किसान भाई समज गये होंगे की जैविक खेती से उनको कितना फायदा है और आज के समय में परंपरागत खेती के कितने नुकसान है| किसान भाइयो को जैविक खेती की तरफ बढ़ना चाहिए जहां स्वास्थ्य है पर्यावरण संतुलन है| हाँ शुरु के 2 से 3 साल तक पैदावार का स्तर गिर सकता है लेकिन यह धीरे धीरे बढ़ जाएगा, और जैविक खेती (Organic Farming) के लिए सरकार भी प्रयासरत है बहुत योजनाएं चला रखी है जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिसका लाभ आप उठा सकते है|